लास एंजिल्स में ८१ वे ऑस्कर समारोह का आयोजन किया गया जिसमे जीत का झंडा एक तरह से भारत ने ही गाडा है मेरा सोचना है की भारत की गरीबी नही बल्कि भारत का सच ही दिखाया गया है इस पर आपका क्या सोचना है
Monday, February 23, 2009
दिल्ली पुलिस एलर्ट
कालकाजी में पिछले चार से पाँच सालों से कई चोरिया हत्या हो रही थी लेकिन हालही में दिल्ली पुलिस उस क्षेत्र में जागी है हालही में वह पर तैनात कुछ सिपाहियों को वह घूमते हुए और कुछ पूछ ताछ करते हुए पाया गया इस पर एक आम नागरिक होने जब उनसे पुचा गया की वोह अचानक से अपने काम और फ़र्ज़ पर कैसे लौटे कई सालों तो सोते रहने के बाद उन्हें याद आया की इस इलाके के लोग परेशान है और पुलिस के प्रति उनका विश्वास उठता जा रहा है वह के हेड कांस्टेबल मुरारी लाल का इस पर कहना था की अब चोरी हत्या की खबरों के बाद बैण्ड के कारन उन की ड्यूटी लगी है दिन में चार से पाँच चक्कर लगाने की काश अपनी इस ड्यूटी का एहास पहले ही हो जाता तो शायद जिन लोगो को नुकसान और अपनी जान गवानी पड़ी वोह सब नही होता खेर देर आए दुरुस्त आए
Sunday, February 15, 2009
आधिकारियों की मनमानी
आज अगर आम आदमी परेशां है तो वोह है सरकारी अफसरों की मनमानी से कोई भी आधिकारी पुलिस से लेकर मिनिस्ट्री तक सभी को रिश्वत से ही मतलब है अगर रिश्वत नही तो अपने काम पर सही वक्त पर न आना किसी को अगर सरकारी दफ्तर में काम आ जाता है तो वोह सोचता है की कैसे काम पुरा हो अपना काम करवाने के लिए आम आदमी को कैन दिनों तक पापड़ बेलने पड़ते है हाल है पुलिस आफिसरों का किसी भी केस के आने पर वोह सबसे पहले यह सोचते है की कैसे पैसा कमाया जाए और अगर पैसा कामने में पुलिस अफसर सफल न हो सके तो फिर उन्हें लगातार तंग किया जाता है हा वोह भी तो अपराध करते है लेकिन जो वोह करे वोह कानून और आम आदमी वोह अपराध क्या महात्मा गाँधी ने इसी देश को आजाद कार्य था ? ऐसे ही लोकतंत्र की कल्पना की थी
राजनीति का सच
राजनीति एक ऐसा क्षेत्र है जिसे समझना आम आदमी के लिए मुश्किल ही नही नामुमकिन है विधान सभा के चुनाव नै दिल्ली से जितने के बाद एक प्रसिद नेता अपने ही वाडे से मुखर गयी वहा पर उन्ही को जितने के लिए कई कार्यकर्ताओं ने काम कियालेकिन उस नेता ने जीतने के बाद उन कार्य कर्ताओं को पहचानने से इनकार कर दिया उस कार्यकर्ता ने उसे जीतने के लिए उसके मद्दद के लिए दिन रात एक किया अपना मतलब पुरा होने और जीत जाने के बाद उसने दिखा दिया की वोह एक राजनेता ही है मतल पुरा होने पर वोह इस बात को साबित करते है यह लोअग किसी के नही है चुनाव जीतने के बाद अगर अपने ही कार्यकर्ता के साथ कोई ऐसा कर सकता है तो दिल्ली की जनता का वोह क्या करेगी यह सोचा जा सकता है
आज का बजट
Subscribe to:
Posts (Atom)