Monday, January 12, 2009
डी डी ए के घोटाले से आम आदमी की चाह धराशाही
आज एक ही ख़बर है जिसने आम आदमी की नींदे उदा रखी ही वोह है डी डी ए घोटाला इस घोटाले के के कारन जनता का सरकार सरकारी अधिकारीयों के उपर से विश्वास उठ गया है डी डी ए में घर लेने की तमना हर उस व्यक्ति की रही जिसके पास घर नही है लोगो ने इसी तमना में कई फॉर्म भरे नाम आने पर खुशी भी हुई लेकिन इस घोटाले ने उनकी तमना पर एक पूर्णविराम लगा दिया घोटाला तो सामने आ गया लेकिन इस पर उन लोगो की मुश्किलें बड़ गयी है जिनके नाम आए उनका कहना भी ग़लत नही है की यदि draw को रद्द कर दिया जाए तो उनके साथ भी कहीं न कहीं ना इंसाफी की जायेगी क्यूंकि इस घोटाले में उनकी क्या गलती है जब इस घोटले के आरोपी दीपक ने मीडिया को कही बात में कहा की उसने उदितराज इंडियन जस्टिस पार्टी के अध्यक्ष को इस घोटाले के बारे में draw से दो माह पूर्व ही बता दिया था और सुरेश मीणा को पुलिस के हवाले भी किया गया इन सब के बाद भी पुलिस कुछ ख़ास कतम नही उठा पाई पुलिस की लह्परवाही के कारन आज इतने लोग दुविहा में फसे हुए है इन सब में उनका क्या कसूर उन्हें केवल पुलिस और अधिकारीयों की लह्परवाही की सज़ा ही भुगतनी पड़ेगी iस द्रव में कई नाम फर्जी थे यदि इस घोटाले को पहले ही पकड़ा जाता तो शायद इनमे उनके नाम आते जिनके वास्तव में ही आने चाहिये थे
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