Wednesday, January 28, 2009

गाँधी वादी विचारधारा


गाँधी नाम ऐसा है जिसे हम भूल नही सकते जिनके कोशिशों के कारन हमारा देश आजाद हुआ है आज कितने लोग है जो उन्ही की विचारधारा से सहमत है उनकी वही विचारधारा जिनके कारन देश को आज़ादी मिली क्या महात्मा गाँधी ने सोचा था की आज़ादी के बारसो बाद देश की यह हालत होगी जिस सपने को देख कर देश को आज़ादी दिलाई आज उस्सी देश की स्तिथि को देख कर रोना आता है राजनितिक नेता हो या फिर समाज सुधर के नाम पर अपनी जेब भरने वाले या फिर नौकरी देने की बात करते हुए देश में विदेशी पूंजी व्यवस्था को फैलाने वाले सभी का हाल एक सा ही है हमने हालही में २६ जनवरी बड़ी ही धूमधाम से मनाया लेकिन क्या वास्तव में हम यही स्वतंत्रता चाहते है क्या आज की गरीबी किसानों की यह हालत सामाजिक अव्यवस्था क्या ऐसी आज़ादी ही हमे चाहिए थी इसी की कल्पना गाँधी जी ने की थी आज कितने लोगो को गाँधी जी के विचार याद है कितने लोग इस पर अमल कर रहे है गाँधीजी को अगर हम सही रूप से याद करना चाहते है तो उनकी विचारधारा को देश और समाज पर अमल करना ज़रूरी है समाज से भेदको मिटाना और गरीबो के स्तर को ऊपर उठाने के लिए उनकी स्तिथि में सुधार करना ज़रूरी है

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