Thursday, January 15, 2009

दिल्ली की बात नयारी


दिल्ली है सबसे नयारा शहर । यह भारत की राजधानी तो है ही साथ ही केन्द्र में यही आती है । इसके आलावा भी दिल्ली कुछ है और वही आज बताना है। यह एक ऐसा शहर है जो यहाँ पर आने वाले हर एक को अपना लेता है। दिल्ली एक ऐसा शहर है जहा पर कई ऐतिहासिक इमारते मौजूद है एक और तो लाल पुराना किला हुमायु डीके मख्बरा कुटुंब मीनार साथ साथ इंडिया गेट कमल मन्दिर जंतर मंतर जैसी इमारते भी मौजूद है यह तो हुई घुमने की जगह लेकिन इसके आलावा यहाँ पर कई प्रसिद मन्दिर भी है । चांदनी चोक की छोटी गलियों के साथ जी के की पौष कोठियां भी है । यहाँ कोई भी एक संस्कृति और सभ्यता के लोगो नहीं रहते है यह एक ऐसा शहर है जहा जो भी आता है यह उसे अपना बनाती जाती है । कई सभ्यता वाले लोग यहाँ पर एक होकर रह सकते है कोई भी ऐसा त्यौहार नहीं है जो दिल्ली में न मानता हो यह ईद दिवाली गुरु पूर्व क्रिसमस सभी को बहुत ही धूम धाम से मन ता है । दिल्ली में आने वाले इसे अपना न सके लेकिन यह सभी को अपना बना लेते की ताकत है हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी एक साथ मिलकर कर खुशी से रहते हुए देखता है यही दिल्ली की खूबी है यहाँ पर मेट्रो के विकास के साथ झुगी झोपडी भी देखने को मिल जाती है खेर फिर भी कमियों के बावजूद भी दिल्ली तो दिल्ली ही है

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