न्यूज़ चैनल में प्रोग्राम दिखाने की होड़ सी चल पड़ी है प्रोग्रममेस को बहुत ही अलग ढंग से पेश किया जा रहा है अपने को सर्वश्रेष्ठदिखाने के लिए बड़े ही अल्स्ग दंग से स्वयम को प्रस्तुत करते है हालही में मैंने एक न्यूज़ चैनल में प्रोग्राम देखा उसका टाइटल था हिमेश रेशमिया को गुस्सा क्यूँ आता है ?क्या वाकई में ऐसे प्रोग्रममेस की न्यूज़ चैनल को ज़रूरत है इसके बाद संभावना सेठ का दिल किस पर आया ?आख़िर यह सब कुछ क्या है ख़ुद को और अपने चैनल को अलग दिखने क्या दिखा रहे है ऐसे ही किसी भी क्राइम से जुड़ी खबरों को इस तरह से पेश करते है की सामने वाला उसे देख कर डर जाता है ऐसा लगता है जैसे किसी को डराया जाता है सामने वाला देखने वाला इसे डर जाता है की पता नही क्या आने वाला है यह कौन सा तरीका है किसी भी ख़बर को पेश करने का फिर भी उनके चैनल की तरप आसमान को छूती है इसके आलावा न्यूज़ काह्न्नेल में कॉमेडी चैनल को दिखाना उसे एन्तेर्तैन्मेंट चैनल का दर्जा ज़रूर दे देता है एकं अपने न्यूज़ चैनल के वजूद को खोता ही जा रहा है
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1 comment:
you are right. It seems most of the news channels are involved some competition to air absurd programmes. Hindi news channels have reduced themselves to Manohar Kahaniyan level. And english news channels continue to be bourgeoise. And by the way, why should we listen news with background music !!! I have gone back to doordarshan.
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