Thursday, January 22, 2009

आज भी वही माना गया है


टी वी को एक बेवकूफ डिब्बा कहा जाता था लेकिन कुछ ऐसे शो हालही में टी वी में आने लगे है जिनमे समाज की वास्तविकता दिखाने का प्रयास किया जाता है ऐसा एक शो है बालिका वधु इसमे समाज के ऐसे वर्ग के बारे में बताया गया है जो आज भी लड़कियों से जुड़ी सभी कुरीतियों पर आज भी उतना ही विश्वास रखते है इस धारावाहिक में लड़की का चोटी उमर में विवाह उसे शिक्षा न देना उसके विधवा हो जाने पर उसे अशुभ मानना इन सब दिखाया गया है उसे एक भोझ मानकर उसके साथ हमेशा दुर्वयवहार करना उसे हमेश एक बात ज़रूर कही जाती है की उसका घर यह नही है जहाँ उसने जनम लिया वोह नही है जहाँ उसकी शादी हुई वोह भी नही है इस दुविधा में हमेशा वोह रहती है इसी के स्थ कोलौर्स पर एक नया प्रोग्राम शुरू होने जा रहा है जिसका नाम है इस देश न आना मेरी लाडो इसमे लड़की को जनम होने में ही मार कर फेक दिया जाता है उसे एक भोझ समझा जाता है ऐसे में एक लड़की पर ही निरंतर आत्याचार होते है एक चीज़ सबसे बड़ी देखने को मिलती है की इन दोनों में राजस्थान को लाकर रखा गया है इसका जवाब ज़रूर जानना चाहूंगीक्या राजस्थान को दिखाने का यह कारन तो नही है की वही पर यह प्रथाएं ज्यादा हैlआदिकी को मात्र एक भोझ समझते है तो मई इस बात की पुष्ठी ज़रूर करना चाहूंगी की सबसे ज्यादा भू़ण हत्या बड़े शेहरो जैसे पंजाब दिल्ली भी होती है वैसे यह तो हकीकत ही है की राजस्थान में भी भू़ण हत्या की संख्या कुछ कम नही है जब वह पर कोई लड़की जनम लेती है तो कहा जाता है की बारात रखनी है या लौटानी है और अगर लौटानी है तो मतलब है की उसे लड़की को दूध से भरे मटके में डूबा कर मार दिया है पता नहीं की एक नवजात शिशु को कोई कैसे डूबा कर मार सकता हैइसी को लेकर सिनेमा में भी विषय बनाया गया है मातृ भूमि इसमे एक गाव में लड़कियों की कमी हो जाने से एक लड़की का विवाह पाँच भाइयो से करवाया जाता है लेकिन वह भी उसका शोषण होता है इसे लेकर कई फिल्में बने गयी जैसे वाटर में लड़की के विधवा और पुनर्विवाह की पुरी समस्या को लाकर खड़ा किया गया लज्जा में लड़की के अलग अलग रूपों को लाकर रखा गया हैख्रैर यह तो सच है की अभी भी कुछ परिवार में लड़कियों के महत्व को समझा नही गया तो वास्तव में लड़कियों की समाज में कमी हो जायेगी

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